कभी~कभी जब हम अपना रास्ता भटक जाते हैं
अलग अलग जगहो और अलग अलग हवाओ का
हमारे खुशी के दिनों को भूलना बना देता है आसान
और कभी कभी जब हम सोचते है ,जब हम आगे बढ़ गए
दूर रख सकते है अपनी आखों को उससे जो हम सचमे चाहते हैं
लेकिन क्या मैंने वापस घर जाने का रास्ता खो दिया
फिर भी हम एक बात से राज़ी है
वो ये .... जहां भी तुम हो
या तुम्हारे सपने बदल गए हों
और चीज़े तुम्हारे अनुसार न हो रहीं हों
और चाहे राहें
वो दर्द के काटों से भरी हुई हो
और लज्जा के कारण तुम्हारे घुटनों की खाल उधेड़ दी
ज़रा अच्छे से देख लो
और आपको रास्ता मिल जायेगा यह जानने का
कि राहों को सिर्फ जाने के लिए पक्का नहीं किया गया था
पर घर लौट आने के लिए
और जब हम सोचते है ~ क्योंकि समय बदल गया है
हमारे दिल अलग तरह से धड़क सकते हैं
फिर भी प्यार और उम्मीद है कि वह वैसे ही रहेंगे
क्योंकि जिंदगी को कुछ दर्द और खुश करने की आवश्यकता होगी
लेकिन इसके लायक क्या है,मैं अब भी यहां हूं
याद रखो प्रिय...तुम्हारी ताकत आसुओं के साथ आती है
फिर भी हम एक बात से राज़ी है
वो ये... जहां भी तुम हो
या तुम्हारे सपने बदल गए हों
और चीज़े तुम्हारे अनुसार न हो रहीं हो
और चाहे राहें
वो दर्द के काटों से भरी हुई हो
और लज्जा के कारण तुम्हारे घुटनों की खाल उधेड़ दी
ज़रा अच्छे से देख लो
और आपको रास्ता मिल जायेगा यह जानने का
कि राहों को सिर्फ जाने के लिए पक्का नहीं किया गया था
पर घर लौट आने के लिए
घर लौट आने के लिए
तुम अब हार नहीं मानना
किसी तरह घर का रास्ता है
वो ये .... जहां भी तुम हो
या तुम्हारे सपने बदल गए हों
और चीज़े तुम्हारे अनुसार न हो रहीं हो
और चाहे राहें
वो दर्द के काटों से भरी हुई हो
और लज्जा के कारण तुम्हारे घुटनों की खाल उधेड़ दी
ज़रा अच्छे से देख लो
और आपको रास्ता मिल जायेगा यह जानने का
कि राहों को सिर्फ जाने के लिए पक्का नहीं किया गया था
कि तुम कभी अकेले नहीं चलोगे
बस घर लौट आओ
घर लौट आओ
घर लौट आओ